Tuesday, February 27, 2007

Charitraheen

Most of us may remember this serial base on Sharad Chandra Chattopadhya's novel of the same name being telecasted on DD. It had beautiful song sung by one of the leads quite frequently on the harmonium. The song was done by great Salil Chowdhari. Here it is.


शीतल मंजुल कोमल, तेरा आँचल
मेरी सुधियों में लहराया
झल-मल झल-मल
और एक शाम मैंने तेरे नाम लिख दी

हौले, हौले-हौले
पुर्वा ड़ोले, पुर्वा ड़ोले
ढलते दिन की अरुणाई में सपने घोले
सपने घोले, सपने घोले
और एक शाम मैंने तेरे नाम लिख दी

पंछी एक बिचारा, टूटा हारा, टूटा हारा
सुने नभ में उड़ता फ़िरता, मारा-मारा
मारा-मारा
और एक शाम मैंने तेरे नाम लिख दी

शीतल मंजुल कोमल, तेरा आँचल
मेरी सुधियों में लहराया
झल-मल झल-मल
और एक शाम मैंने तेरे नाम लिख दी

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